Friday, April 8, 2011

नारी.....एक आन्दोलन ....उत्कर्ष व संघर्ष का

प्रिय वाणीजी
"नारी" ......एक आन्दोलन..... उत्कर्ष व संघर्ष का.....
सर्वप्रथम हम सबकी शुभकामनाएँ व बधाइयाँ नारी ब्लॉग के उत्कृष्ट तीन वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में. रचनाजी ने इसे प्रारम्भ किया और कारवां बढ़ता गया ,उनको भी साधुवाद.
आपकी अच्छी पोस्ट पढ़ी. वास्तविकता यही है कि आज भी एक लड़की -महिला की परिवार में समाज में दोयम की स्थिति ही है. एक बच्ची के साथ बचपन से ही हमें हमारे परिवार में ,पास-पड़ोस में ,समाज में सभी जगह तो रोज ही भेदभाव ,उत्पीडन, शोषण ,मानव अधिकार हनन देखने मिल रहा है. चाहे जिस रूप में हो. हाँ परिस्थितियां बदल रही हैं ,जाग्रति आ रही है नारी अपने अधिकारों व सम्मान के लिए सचेत हो रही है पर उसकी आवाज अब भी दबा दी जाती है. स्वाभाविक है देखकर-सुनकर मन कचोट उठता है.
अपनी प्रिय पंक्ति पुनः दोहराना चाहूंगी.
गहरा है अँधियारा... अब दिया जलाना है. हमको तुमको सबको अब मिलकर आगे आना है.
नारी ब्लॉग में विचार प्रेषित(लिखने) करने के साथ-साथ सारे समाज में भी जहाँ भी नारी सम्मान या गलत भेदभाव की बात समक्ष आए अपनी आवाज बुलंद करनी है.
और आगे बढ़ते जाना है.अपनी पहचान-अपनी शक्ति पहचानना होगी.
पुनः आपको सार्थक पोस्ट की बधाई.
अलका मधुसूदन पटेल ,लेखिका-साहित्यकार